
खाकी का नाम सुनते ही जहन में एक कड़क मिजाज वाले इंसान की इमेज हमारी आंखों के सामने बन जाती है. पुलिस से लोग कोसों दूर भागने लगते हैं. लेकिन संत कबीर नगर जिले में एक पुलिसवाले की इसके विपरीत छवि देखने को मिली. जिसके लिए जनता का दूर भागना छोड़िए, बल्कि थाने आकर फूट-फूटकर रो रही है. जिसमें आपकी नजरों में बनी पुलिस वाले की इमेज से बिल्कुल विपरीत दृश्य देखने को मिलेगा. खाकी का नाम सुनते ही जहन में एक कड़क मिजाज वाले इंसान की इमेज हमारी आंखों के सामने बन जाती है. पुलिस से लोग कोसों दूर भागने लगते हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले में एक पुलिस वाले की इसके विपरीत छवि देखने को मिली. जिसके लिए जनता का दूर भागना छोड़िए, बल्कि थाने आकर फूट-फूटकर रो रही है. . जिसमें आपकी नजरों में बनी पुलिस वाले की इमेज से बिल्कुल विपरीत दृश्य देखने को मिलेगा. दरअसल, उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर जिले के थाना कोतवाली खलीलाबाद में दरोगा सतीश कुमार सिंह एक थानेदार के रूप में कार्यरत थे. वह शहर के लिए सादगी और सरल स्वभाव की मिसाल मे बने हुए थे. जैसे ही कप्तान ने एसओ सतीश कुमार सिंह के ट्रांसफर का आदेश जारी किया. उनके थाना क्षेत्र की पब्लिक उदास हो गई. लोग अपने चहेते पुलिसकर्मी को नम आखों से रुखसत करने थाने पहुंच गए.
जिस पुलिस थाने से आम जनता दूर भागती है वो जनता थानेदार सतीश कुमार सिंह की ट्रांसफर की खबर सुनकर फूल-माला के साथ थाने पहुंच गई. नौजवान, बड़े और बूढ़े सभी रो पड़े. कई बुजुर्ग दरोगा जी से गले चिमटकर फूट-फूटकर रोने लगे. सतीश कुमार सिंह ने भी इन सभी का ढांढस बांधा.
अपने कार्य से लोगों के दिलों में बनाई जगह
नेक दिल दरोगा बाबू की यह तस्वीर दूसरे पुलिसकर्मियों के लिए एक मिसाल बन गई है. उनके ट्रांसफर से थाने में गम का पहाड़ टूट पड़ा. जवान से लेकर बुजर्ग तक सभी रो पड़े और रोए भी क्यों न? उन्होंने अपने कार्य करने की शैली से जो लोगों के दिलों में जगह बनाई थी. वह काबिले तारीफ है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दरोगा सतीश कुमार सिंह ने थाने का चार्ज संभालते ही उसका नक्शा बदलकर रख दिया. थाने में ऑफिस से लेकर किचन तक की सारी सुविधाएं उपलब्ध करवाईं. जनता के बीच पुलिस की साफ छवि बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. गरीबों की मदद से लेकर उन्हें इंसाफ दिलाने तक में हमेशा निष्पक्षता के साथ कार्य किया शायद यही वजह है कि उनके ट्रांसफर होने की बात पर खलीलाबाद कोतवाली की जनता पर मानो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा और उनसे मिलने के लिए जनता का जमवाड़ा लग गया. लोग आंखों में आंसू लिए फूल-माला पहनाकर थानेदार सतीश कुमार सिंह को विदाई दी. वहीं दरोगा सतीश कुमार सिंह भी दूसरों के लिए मिसाल बन गए हैं.